शनिवार, 28 सितंबर 2013

वाक़ये

- नफ़स

हो सकता है 
हुआ भी हो शायद !

गुस्ताख़ी के कुछ
करवटें बदलते वाक़ये रहे हों
कुछ तेज़ कदम चलने में
ज़मीं की धूल-से उभर आये हों !

हो सकता है 
हुआ भी हो शायद !

कुछ उनमें से अंधे रहे हों 
वाक़ये 
देख न पाए हो हक़ीकत
या कि 
नज़र पर चश्मा रखना भूल गए हों !

हो सकता है 
हुआ भी हो शायद !

ज़ेहन में कुछ 
करछाते हों वाक़ये 
खुद की कब्र की 
मिट्टी 
आप लिए 
मुंह मीठा करा रहे हों 
खुश होकर !

हो सकता है 
हुआ भी हो शायद !

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